Sher O Shayari
Thursday, August 29, 2013
तन्हाई
दूर कहीं महफ़िल से आती आव़ाज ,
बंद कमरे मे तन्हा और उदास ,
मेज पे पड़ी बोतल खाली गिलास ,
जलती सिगरेट से जलता धुँआ ,
उसकी यादों में जेसे लग रही हो आग़ ,
क्या बताऊ इस जमाने को ,
जेसे टूटे दिल में बढ रही है ,
प्यार की प्यास।
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