Sher O Shayari
Monday, September 2, 2013
बूढ़े बाप की चाहत
बच्चे जिम्मेदारी समझते तो बुढापा बोझ ना लगता,
जीना कोंन नहीं चाहता ,
ख़ुशी से मरने का भी अपना मज़ा होता।
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