Monday, September 2, 2013

हिस़ाब 

जब   मोहब्बत थी तो पैसा नहीं था ,
आज पैसा है तो मोहब्बत नहीं है,

जिन्दगी अपना हिसाब किताब बराबर  रखती  है ,

बहुत कुछ  देती है तो बहुत कुछ ले भी लेती  है.

 

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