आत्मा वात्मा कुछ नहीं
एक बार जो मरघट गये
लग जाता है
जीवन में खात्मा
जीते जीते तरस गये
नैना बिन मौसम जो बरस गये
इसको बोलते है प्रताड़ना
पैदा हुये फिर थोड़े बड़े हुये
स्कूल जो गये पिटते पिटते
इन्सान हुये
इसको बोलते है निर्माण हुये
आत्मा वात्मा कुछ नहीं
एक बार जो मरघट गये
लग जाता है
जीवन में खात्मा ।
एक बार जो मरघट गये
लग जाता है
जीवन में खात्मा
जीते जीते तरस गये
नैना बिन मौसम जो बरस गये
इसको बोलते है प्रताड़ना
पैदा हुये फिर थोड़े बड़े हुये
स्कूल जो गये पिटते पिटते
इन्सान हुये
इसको बोलते है निर्माण हुये
आत्मा वात्मा कुछ नहीं
एक बार जो मरघट गये
लग जाता है
जीवन में खात्मा ।
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