Sunday, November 24, 2019

आत्मा

आत्मा वात्मा कुछ नहीं
एक बार जो मरघट गये
लग जाता है
जीवन में खात्मा
जीते जीते तरस  गये
नैना बिन मौसम जो बरस गये
इसको बोलते है प्रताड़ना
पैदा हुये फिर थोड़े बड़े हुये
स्कूल जो गये पिटते पिटते
इन्सान हुये
इसको बोलते है निर्माण हुये
आत्मा वात्मा कुछ नहीं
एक बार जो मरघट गये
लग जाता है
जीवन में खात्मा । 

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