जवानी में लगाया जो दांव
जम गये उससे शहर में पांव
तरसते थे जो रहते थे गांव
खरीद लेते है अब हर एक चीज
रहे कोई भाव
ठोकरों से मजबूत देखे मेरे ताव
जवानी में लगाया जो दांव
जम गये शहर में मेरे पांव
जम गये उससे शहर में पांव
तरसते थे जो रहते थे गांव
खरीद लेते है अब हर एक चीज
रहे कोई भाव
ठोकरों से मजबूत देखे मेरे ताव
जवानी में लगाया जो दांव
जम गये शहर में मेरे पांव
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