लोग शहर छोड़ ने को राजी है
गांव भी उजड़ रहें हैं।
बर्फ़ भी पिघल रही है
पर्वत मैदान बन रहे हैं
जमीन भी कम पड़ रही है ।
चाद पर भी उम्मीद कम है ।
मंगल का पता नहीं
जाये तो जाये कहाँ ।
गांव भी उजड़ रहें हैं।
बर्फ़ भी पिघल रही है
पर्वत मैदान बन रहे हैं
जमीन भी कम पड़ रही है ।
चाद पर भी उम्मीद कम है ।
मंगल का पता नहीं
जाये तो जाये कहाँ ।
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