Monday, October 28, 2019

भटकना

ना आज जी सके
ना कल
ताज की चाहत में
ना सो सके
जो मिला  उसे भोगा नहीं
जो ना मिला
उसके पीछे भागते रहे ।
कितने नादान थे
जिन्दगी भर नादानी
करते रहे     ।

No comments: