आनन्द का मतलब खुश या प्रसन्न होना है
आनन्द दो प्रकार के होते हैं
एक आन्तरिक आनंद होता है
जिसमें व्यक्ति स्वयं के साथ किसी अन्य को भी
प्रसन्न या खुश रखता है । दूसरा बाहरी आनन्द
होता है जिसमें व्यक्ति सिर्फ स्वयं ही आनन्दित
खुश या प्रसन्न रह पाता है ।
आनन्द दो प्रकार के होते हैं
एक आन्तरिक आनंद होता है
जिसमें व्यक्ति स्वयं के साथ किसी अन्य को भी
प्रसन्न या खुश रखता है । दूसरा बाहरी आनन्द
होता है जिसमें व्यक्ति सिर्फ स्वयं ही आनन्दित
खुश या प्रसन्न रह पाता है ।
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