बहुत सी बातों के अर्थ नहीं है
बहुत से दर्द की बजह नहीं होती
यू ही जिन्दगी के दिन खराब किये
बिन आनन्द के यू ही जिये
नादान थे परेशान हुये
बेमतलब हैरान हुये
एक मौका और दे जिन्दगी
जीकर दिखला देगें
हर लम्हें को जी लेगें
हर गम को पी लेगें।
बहुत से दर्द की बजह नहीं होती
यू ही जिन्दगी के दिन खराब किये
बिन आनन्द के यू ही जिये
नादान थे परेशान हुये
बेमतलब हैरान हुये
एक मौका और दे जिन्दगी
जीकर दिखला देगें
हर लम्हें को जी लेगें
हर गम को पी लेगें।
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