Friday, October 4, 2019

आलसी

जी हाँ  ये सच है
मैं महान आलसी  बनना चाहता हूँ ।
या यों कहूँ कि मैं  आराम  चाहता  हूँ 
नौकरी कोई मेरी जगह करके आये
और महीने की  पहली  तारीख को
सेलरी मेरे खाते में  आये  ।
बॉडी मैं भी बनाना  चाहता हूँ ।
जिम कोई दूसरा  चला जाये   ।
शेखचिल्ली के खानदान से हूँ
हुनर कोई और दिखाये
मशहूर मैं  होना चाहता हूँ

ब्याह कोई और रचाये
दुल्हन  मेरे घर को आये
ऐसी स्कीम मार्केट मैं  लाना चाहता हूँ ।
जी हाँ  ये सच है
मैं महान आलसी आदमी बनना चाहता  हूँ
या यों  कहूँ कि मैं आराम करना चाहता हूँ  ।

1 comment:

shayari said...

बेहतरीन