Sher O Shayari
Saturday, February 16, 2008
माली
उस
माली की बददुआये कबूल मुझे ,
मैंने
रूठे मेहबूब को मनाने ,
उसके
चमन से एक फूल तोडा है.
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment