Sher O Shayari
Friday, February 22, 2008
तन्हा
मैं ख्वाबों के लश्कर मे रहता था,
मुझे रिश्तों ने तन्हा कर दिया,
मुझे
महफिलों मे ना ढूढों,
मैं
समुन्दर के साहिल पर मिलता हूँ.
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