Saturday, February 16, 2008

पिता का सपना

एक पिता ने ख्वाब देखा था,
कि उसका बेटा चन्दा जैसा चमके सितारों में,
पुत्र कि विफलता पर प्रश्न उभरे हैं, पिता की आखों में,
कि कैसे चलते हैं खोटे सिक्के बाजारों में !
ये खोटा सिक्का नही, जिगर का टुकडा है,
कैसे जियेगा हजारों में .

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