Sher O Shayari
Saturday, February 16, 2008
शादी
मुल्क -मौहब्बत -मौसम,
सब
कुछ बदल सा गया,
साल दर साल
मजबूरी में मुस्कराने का दस्तूर सा रहा ,
ना वो कारवा, ना फिर वैसी महफ़िल जमी,
शादी
ही मेरी जिंदगी का आखरी जशन रहा
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