Sher O Shayari
Sunday, February 24, 2008
बेईमान
लोगों ने ज़मीने खरीदी,
लोगों ने महलनुमा बंगले बनवाये,
लोगों ने चार -चार शादियाँ रचाई,
लोगों ने ताउम्र एशों आराम में गुजारी,
ये वे लोग थे जिन्होंने आदर्श की किताब पढी थी ,
मगर ईमानदारी इंसानियत
की अच्छी कीमत मिलने पर उसे बेच दिया.
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