Saturday, February 23, 2008

सलाम

जब होंठ चुप रहते हैं, निगाहें बोलती हैं,
तो समझो मौहब्बत का सलाम होता है,
नजरों में ख्वाबो के लश्कर रहतें हैं ,
जब धड़कन तेज धड़कती है ,
तो समझो मौहब्बत का सलाम होता है ,
कमसिन चेहरा आईने में देखे,
लड़की गुलाब किताबों में छुपाती है ,
तो समझो मौहब्बत का सलाम होता है ,
जब झील में कमल खिलता है ,
सुबह सूरज की किरण बिखरती है ,
ठंडी ठंडी पवन तुमसे टकराती है ,
रह रहकर यादों में मुस्काराओ,
तो समझो मौहब्बत का सलाम होता है ,
जब शमा-परवाने को आगोश में लेती है ,
जब फूल पर भवरें मड राते हैं ,
जब सहेली की बात पर लड़की शर्माती है ,
तो समझो मौहब्बत का सलाम है ,
जब झरना कल कल शोर मचाता है,
जब कोयल मीठा राग सुनाती है ,
जब दूल्हा घोड़ी चढ़ता है ,
दुल्हन सोलह श्रृंगार करती है ,
तो समझो मौहब्बत का सलाम होता है ।

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