Tuesday, February 26, 2008

अमीर और गरीब

मेरे गरीब पिता मरने के बाद ,
अपने पीछे सच्चाई और संस्कार छोड़ गए ,
भाई बहिन रिश्ते नातेदार,
प्रेम व्यवहार आशीर्बाद छोड़ गए ,
और कुछ अपने अधूरे ख्वाब छोड़ गए ,
और अमीर दोस्त के पिता मरने के बाद,
रिश्तों मे तकरार ,
मुक़दमे की बहस छोड़ गए ,
मकान - दुकान मोटर- कार ,
नौकर चाकर और ढेर सारा रोजगार छोड़ गए ,
और सबसे ख़राब चीज
घर गृहस्थी धंधे का अधूरा हिसाब छोड़ गए ।

1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

बढिया विषलेष्ण किया है।