Sher O Shayari
Sunday, February 17, 2008
दास्ताँ
क्या जानोगे मेरी दास्ताँ और राज,
कि मेरे रेशमी कफन पर लगे पैबंद कह देंगे कि
हम
जिए कैसे और मरे कैसे ।
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